Tuesday, March 31, 2009

शहर दिल्ली , दिल्ली ६ नही पूरी दिल्ली

ओलाफ पाल्मे मार्ग रोज़ का सफर .....
मुनिरका मार्केट , ३६५ , ६/१०, और फेरी वाला , ५ के ३ केले, सुबह का नाश्ता .....
पान की दुकान, gang नाथ चौक --- हफ्ते मे एक पान.....मिथला की खुशबू नही और बनारस का खेर( कत्था) नही ...
पंचशील, स्वामीनगर रोज़ की दिनचर्या ......
किताबें, असम, और सत्त्रिया डांस कोंतेम्प्रोरी काम.....
पुराना किला और एक जूमला, निर्मल वर्मा, " वो शहर शहर नही जहाँ कोई खंडहर नही "" मैं ऐसे शहर मे रहता हूँ जहाँ इतिहास खंडहर के रूप मे पसरा पड़ा है"।
गियानी का कुल्फी -फलूदा- रुपये ३५, पता- फतेहपुरी मस्जिद " मेरी माँ ने चखा अच्छा लगा"
निजामुद्दीन- जुम्मे रात की कवाली , निकलते समय अल्लादीन का एक गिलोरी पान........
कनाट प्लेस - कवेन्तेर्स का मिल्क शेक .........
छुट्टी के दिन दोपहर का खाना .... चावल, साम्भर , रसम, सब्जी ,आचार,दही, और पपदम ।
अप्रैल...भक्ति उत्सव -नेहरू पार्क और छन्नू लाल मिश्रा.......
लोक सभा टीवी - गप्पू जी--- प्रोंजेय गुहा ठाकुरता ......
बीबीसी-पाणिनि आनंद
ये सब कुछ दिन के घटनाक्रम ....
अभी हाल मे स्लम डोग ....देखा...क्रिटिकल न होते हुए कहूँ... मज़ा आ गया।
अनुराग कश्यप-फ्रस्ट्रेशन से उबरे, रिजल्ट " देव-डी और गुलाला" कोचेलिनी बनी प्रेमिका- कुंठा का शमन ।
अभी मैं सुधीर कक्कर के काम सबंधी कुछ lekhan पढ़ रहा हूँ , रोचक है.... मूल काम सूत्र टिका तथा रति रहस्य भी हाल मे पढ़ा-क्लिस्ट है ...और आज सम्भव भी नही..... अलका पांडे और न्यू एज कामसूत्र भी हाथ लगी.... और साइमन दे वोबर की डी सेकंड सेक्स , और ओशो को पढता रहा हूँ । आने वाले कुछ दिनों मे इन सब अध्यन पर एक पोस्ट लिखने की कोशीश करूँगा...





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